भाटापारा: क्षेत्र के विधायक इन्द्र साव के द्वारा विधानसभा में उठाई गई मांग के फलस्वरूप राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगो के लिए जाति प्रमाण पत्र बनवाने के नियमो का सरलीकरण कर दिया गया है,जिसका पूरा फायदा प्रदेश वासियों को मिलेगा । अब 1950 के पूर्व के दस्तावेजों की जरूरत नहीं होगी और ग्रामीण क्षेत्र के लिए ग्राम सभा प्रस्ताव और शहरी क्षेत्र के लोगो के लिए नगर पालिका, नगर पंचायत का प्रस्ताव को मान्य कर दिया है।राज्य शासन के द्वारा नियमो में की गई सरलीकरण प्रक्रिया के लिए इस वर्ग के लोगो ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए विधायक इन्द्र साव के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया है।
विदित हो कि भाटापारा विधायक इन्द्र साव ने विधान सभा में नियम 267 क के तहत शून्य काल में शासन से मांग की थी की अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों को जाति प्रमाण-पत्र बनवाने हेतु पालकों एवं बच्चों को दर-दर भटकना पड़ रहा है। अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों का जाति प्रमाण-पत्र बनवाने के लिए कट ऑफ डेट 1950 के पहले के दस्तावेज मांगा जा रहा है। इसके पास 1950 के पहले का कोई दस्तावेज जमीन के कागजाद नहीं होने के कारण जाति प्रमाण-पत्र बनाने में बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। नगरीय प्रशासन , राजस्व विभाग, सामान्य प्रशासन एवं पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा जाति प्रमाण पत्र सरलीकरण हेतु कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। जिससे अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के छात्र-छात्राओं का भविष्य अंधकार मय होता जा रहा है। इस जाति के लोगों के पास अभी भी मूलभूत सुविधाओं का अभाव होने के कारण हर क्षेत्र में पिछड़ते जा रहे हैं। जाति प्रमाण-पत्र नहीं बनने के कारण अच्छी पढ़ाई से भी वंचित होते जा रहे हैं। शासन को चाहिये कि इन बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुये जाति प्रमाण-पत्र बनाने के लिए सरलीकरण प्रक्रिया लागू किया जाए।
विधायक इन्द्र साव के द्वारा उठाए गए सवाल और मांग पर राज्य शासन ने अपनी सहमति जताते हुए जाति प्रमाण पत्र बनाने के नियमो का सरलीकरण किए जाने बाबत एक पत्र सामान्य प्रशासन विभाग ने विधायक इन्द्र साव को प्रेषित पत्र में उक्त अधिनियम एवं नियम के सार को सरलीकृत करते हुए सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा परिपत्र कमांक एफ 13-22/2012/आ.प्र./1-3 दिनांक 24.09.2013 जारी करते हुए शासन के समस्त विभाग, समस्त संभागीय आयुक्त, समस्त जिलाध्यक्ष को निर्देशित करते हुए प्रावधान किया गया है कि, उक्त परिपत्र की कंडिका-2 के उपकंडिका-2.1 (ट) जहाँ जाति को प्रमाणित करने हेतु कोई दस्तावेजी प्रमाण उपलब्ध न हो तो ग्राम सभा द्वारा आवेदक की जाति के संबंध में पारित संकल्प। अर्थात् आवेदक के पास ग्राम सभा द्वारा पारित संकल्प को भी दस्तावेजी साक्ष्य माना जायेगा, तथा सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा निर्देश कमांक एफ 13-10/2019/आ.प्र./1-3 दिनांक 17.09.2019 द्वारा नगरीय क्षेत्रों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के जाति प्रमाण पत्र जारी करने के संबंध में नगर पंचायत / नगर पालिका परिषद् अथवा सामान्य सभा द्वारा की गई उद्घोषणा को जाति के संबंध में साक्ष्य के रूप में मान्य कर उसके आधार पर नियमानुसार सक्षम प्राधिकारी द्वारा जाति प्रमाण पत्र जारी किये जाने हेतु समस्त कलेक्टर, समस्त आयुक्त, नगर पालिक निगम तथा समस्त मुख्य नगरपालिका अधिकारी, नगरपालिका परिषद् तथा नगर पंचायत को निर्देशित किया गया है।सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के जाति प्रमाण-पत्र बनवाये जाने हेतु नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में जिन आवेदकों के पास 1950 के दस्तावेजी साक्ष्य नहीं है, उन्हें उक्तानुसार जाति के संबंध में दस्तावेजी साक्ष्य की सुविधा प्रदान करते हुए जाति प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया को सरलीकृत किया गया है।
विधायक इन्द्र साव के द्वारा उठाए गए सवाल पर लिए गए निर्णय से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगो ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए विधायक इन्द्र साव के प्रति आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद दिया है।