बलौदाबाजार,20 अप्रैल 2023पर्यटकों को रिझाने एवं आम आदमियों को अधिक सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से पलारी के प्रसिद्ध बालसमुंद तालाब में बोटिंग सहित अन्य वाटर स्पोर्ट्स एक्टिविटी प्रारंभ करनें की कार्ययोजना को स्वीकृति प्रदान की गयीं है। जिसके लिए लगभग 36 लाख रुपये एवं मंदिर के आसपास बड़े पैमाने में सौंदर्यीकरण सहित अन्य विकास कार्यों के लिए लगभग 30 लाख रूपये मंजूर किए गये है। कार्यों का जायजा लेने कलेक्टर रजत बंसल बालसमुंद तालाब पर पहुँचकर चिन्हाकित कार्यस्थलों को मुयाना किया एवं कुछ कार्याे को सुधारने के निर्देश दिए है। इसके साथ ही उन्होंने नगर पंचायत के द्वारा किए जा रहे गहरीकरण कार्य को समय पूर्व करने के निर्देश अधिकारियों को दिए है।
*नये एवं पुराने जनपद कार्यालय का किया निरीक्षण*
कलेक्टर रजत बंसल ने नये एवं पुराने जनपद कार्यालय का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने नये जनपद कार्यालय में अव्यवस्थित फाइलों एवं साफ सफाई पर गहरी नाराजगी जताते हुए जनपद पंचायत सीईओ को सुधार के निर्देश दिए है। इसके साथ ही लंबे समय से जनपद कार्यालय में एक सभागार की कमी महसूस की जा रही थी जिसके लिए कलेक्टर श्री बंसल ने जिला खनिज न्यास से 30 लाख रुपये एवं पुराने जनपद कार्यालय में कोंचिंग को सुव्यवस्थित करनें के लिए 20 लाख रूपये को स्वीकृत किए गए है।
*गार्डन में जिले के लगेंगे आइकोनिक मोनो* मंदिर पहुँच मार्ग को चौड़ी करनें के साथ ही बड़े स्पॉट लाइट एवं गार्डन में जिले के आइकोनिक एलईडी मोनो लगाने के निर्देश सम्बंधित विभागों के अधिकारियों को दिए है। आइकोनिक एलईडी मोनो लगने से सेल्फी प्वाइंट के रूप में डेवलप होगा।
*कलेक्टर ने सिद्धेश्वर मंदिर पहुँचकर की पूजा-अर्चना*
कलेक्टर रजत बंसल ने प्रसिद्ध सिद्धेश्वर मंदिर पलारी पहुँचकर दर्शन लाभ लिए। उन्होंने पूजा अर्चना कर जिले वासियों के लिए सुख,समृद्धि एवं शांति के लिए कामना की। इस मौके पर उपस्थित महाराज ने मंदिर एवं बाल समुंद तालाब के इतिहास के बारे में विस्तृत जानकारी दी। कलेक्टर श्री बंसल ने उक्त स्थल की प्रशंसा करतें हुए एक विस्तृत कार्ययोजना बनाने की आवश्यकता बतायी। निरीक्षण के दौरान तहसीलदार सौरभ चौरसिया, जनपद सीईओ रोहित नायक, सीएमओ लवकेश साहू सहित अन्य विभागों के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।
*सिरपुर मंदिर के समकालीन मंदिर*
सिद्धेश्वर मंदिर नगर पंचायत पलारी में बालसमुंद तालाब के तटबंध पर यह शिव मंदिर स्थित है। इस मंदिर का निर्माण लगभग 7-8वीं शती ईस्वी में हुआ था। लाल ईंट निर्मित यह मंदिर पश्चिमाभिमुखी है। मंदिर की द्वार शाखा पर नदी देवी गंगा एवं यमुना त्रिभंगमुद्रा में प्रदर्शित हुई हैं। द्वार के सिरदल पर त्रिदेवों का अंकन है। प्रवेश द्वार स्थित सिरदल पर शिव विवाह का दृश्य सुन्दर ढंग से उकेरा गया है एवं द्वार शाखा पर अष्ट दिक्पालों का अंकन है। गर्भगृह में सिध्देश्वर नामक शिवलिंग प्रतिष्ठापित है। इस मंदिर का शिखर भाग कीर्तिमुख, गजमुख एवं व्याल की आकृतियों से अलंकृत है जो चौत्य गवाक्ष के भीतर निर्मित हैं। विद्यमान छत्तीसगढ़ के ईंट निर्मित मंदिरों का यह उत्तम नमूना है। यह स्मारक छत्तीसगढ़ राज्य द्वारा संरक्षित है। छत्तीसगढ़ राज्य के संरक्षित स्मारक यह मंदिर लाल इंटो से बना है। मंदिर के बगल में एक रंग मंच बना है। एवं दुर्गा माता का मंदिर, राधा कृष्ण भगवान का मंदिर, और गुरु घाशी दास जी का भी मंदिर है। मंदिर के पास कार्तिक पूर्णिमा के दिन एक मेला का आयोजन होता है लोग उस दिन सुबह 4 बजे स्नान करने जाते हैं. महाशिवरात्रि के पर्व पर मंदिर को सजा दिया जाता है और मेला होता है। मंदिर के सामने एक तालाब है। ऐसा कहा जाता है की यह तालाब छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा तालाब है जो कि लगभग 120 एकड़ तालाब में फैला हुआ है। तालाब के बीचों बीच में एक टापू है जिसमे माँ शारदा का मंदिर है.मंदिर के आस पास सुंदर बाग है। बाग में विविध प्रकार के झूले एवं पेड़ पौधे हैं।